भारतीय समाज में बालो का महत्त्व चेहरे के महत्त्व के बराबर है | हमारा चेहरा जैसा दिखाई देता है उसमे बालो की भूमिका शामिल होती है | बाल चेहरे का निखार होने के साथ व्यक्तित्व की पहचान को भी बनाये रखता है आज कल के युग में जहां लोगे के पास खुद की देखबाल करने के लिए समय नही होता जिससे वह बालो का निखार धीरे धीरे खो देते है | कुछ समय पहले देखे तो kids की बालो की देखबाल दादी अपने हाथो से बालो को धो कर तेल से मालिश करके फिर उसमे कंघी करके उनको रखती थी | दादी kids hair style रखती ओर दादी समय-समय पर बालो का ध्यान भी रखती |
इस ब्लॉग पोस्ट मैं हम जानेगे kids hair style और 3 से 12 साल Kids के बालो की देखबाल कैसे करे क्युकि इस उम्र मैं ही सही से ध्यान रखना बहुत जरुरी है |
बालो की बनाबट और उनके प्रकार
kids hair style एवं उनकी बनावट उनके माता पिता के आनुवंशिक गुणों सहित कई कारकों से निर्धारित होती है। भारत में सीधे या स्ट्रैट बाल सबसे आसानी से देखने को मिलते है।आमतौर पर बालों की बनावट चार प्रकार की होती है
Type 1 – स्ट्रेट (strait hair)
Type 2 – वेवी ( wavy hair)
Type 3 – कर्ली ( Curly hair)
Type 4 – टाइट कर्ल्ड ( Tight curly hair )
Kids Hair Style के प्रकार एवं बनावट को बालों के कर्ल पैटर्न, घनत्व, चौड़ाई तथा लंबाई के आधार पर ए, बी एवं सी में विभाजित किया जाता है।
Type 1 hair | स्ट्रेट (strait hair)
इस श्रेणी में सीधे या स्ट्रैट बाल आते हैं ,जो कर्ल या छल्लेदार नहीं होते हैं। इस प्रकार के बालों में सबसे अधिक चमक होती है।और color करने की जरुरत नही होता है यह सबसे लचीला होता है तथा इसे नुकसान पहुंचाना मुश्किल होता है। भारत में यह kids hair style सबसे ज्यादा प्रचलित है |इस प्रकार के बालों को कर्ल (curl) करना भी बेहद मुश्किल होता है, क्योंकि स्कैल्प सीबम स्कैल्प से सिरे तक आसानी से फैल जाता है।
Type 2 – वेवी ( wavy hair)
दूसरी प्रकार के बाल लहराते बाल होते हैं ,जो सीधे एवं घुंघराले के बीच का होता हैं। लहराते बालों में सीधे बालों की तुलना में घुंघराला होने की अधिक संभावना रहती है। कुछ प्रकार के लहराते बालों को स्टाइल करना आसान होता है, जबकि अन्य स्टाइल के लिए थोड़ा मुश्किल होता हैं।इस प्रकार के बाल उलझते अधिक हैं।
Type 3 – कर्ली ( Curly hair)
इस श्रेणी में घुंघराले बाल आते हैं जो “S” या “Z” अक्षर की तरह दिखते हैं। यह बालों का प्रकार आमतौर पर घना होता है। इस प्रकार के बाल अक्सर आपके निवास एवं जन्म स्थान की जलवायु पर निर्भर करते है। भारत में इस प्रकार के बाल साउथ इंडिया में होते है घुंघराले बाल आसानी से क्षतिग्रस्त हो सकते है।
Type 4 – टाइट कर्ल्ड ( Tight curly hair )
इस प्रकार के बाल वे होते हैं, जो बहुत अधिक घुंघराले होते हैं। यह अक्सर बहुत अधिक घनत्व के साथ नाजुक होते है। इस प्रकार के बाल गीले होने पर सिकुड़ते हैं, क्योंकि इसमें अन्य प्रकार के बालों की तुलना में कम क्यूटिकल परतें होती हैं। यह अन्य प्रकार के बालों की तुलना में क्षति के लिए अधिक संवेदनशील रहते है।
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बालों के प्रकार निर्धारण के कारक
किसी भी बालक एबं बालिका के बाल किस प्रकार के होंगे ये बहुत सारी बातों पर निर्भर करता है। जिनके आधार पर ही उनकी लम्बाई, घनत्व एवं क्वालिटी निर्भर करती है।
अनुवांशिक कारक
वैज्ञानिक शोध से पता चलता है, कि बालों का प्रकार एवं उनकी बनावट आपको अपने परिवार से अनुवांशिक आधार पर प्राप्त होती है ।बालों के प्रकार और बनावट में योगदान देने वाला एक “योजक” गुण भी है। कि बालों में कर्ल की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है, कि कितने घुंघराले बाल वाली जीन विविधताएं आपको विरासत में मिली हैं।
ये ज़रूरी नहीं की जिन बच्चों के माता-पिता के बाल घुंघराले हो उनके बच्चे के बाल भी घुंघराले ही हों। क्योंकि उन दोनों के स्वयं के अनुवांशिक गुण अलग होते हैं। घुंघराले बालों वाले माता-पिता के बच्चे भी अपने किसी पूर्वज के सीधे बाल वाले जीन ले सकते हैं, जिसकी वजह से उनके बाल सीधे हो सकते हैं।
बालों की बनावट को निर्धारित करने के लिए जीन एक दूसरे के साथ बातचीत भी कर सकते हैं। यही कारण है, कि एक परिवार में अलग-अलग लोगों के बाल अलग-अलग हो सकते हैं।
kids hair हर छह महीने में बदल जाते हैं बाल, बालों के निर्माण में हार्मोन्स की मुख्य भूमिका होती है। सिर के बाल प्रति माह लगभग डेढ़ इंच की दर से बढ़ते हैं। इनकी आयु दो से आठ साल तक होती है। उसके बाद पुनः नए बाल आते हैं।
पर्यावरण या रहन सहन
बालों के प्रकार को प्रभावित करने वाले कारकों में जीन ही एकमात्र कारक नहीं होता है। आपके बालों पर पर्यावरण का भी बड़ा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर उनकी बनावट पर। उनमे से कुछ ये है |
- वहीँ मौसम की नमी बालों को घुंघराला या उलझा हुआ बना सकती है, जबकि ठंडी हवा बालों को रूखा एवं भी बेजान बना सकती है।
- आपकी बढ़ती उम्र के साथ बालों का टेक्सचर भी बदलता रहता है। समय के साथ -साथ आपके बाल भूरे, पतले, रूखे, एवं सूखे होते जाते हैं।
- आपके सिर की तेल ग्रंथियां उम्र के साथ सिकुड़ती जाती हैं। आप अपने बालों की देखभाल या उनको स्टाइल कैसे करते हैं, इससे भी उनकी बनावट बदल सकती है।
- आपके बार- बार ब्लीचिंग, हेयर कलरिंग, स्टाइलिंग टूल्स का इस्तेमाल, स्ट्रेटनिंग या पर्मिंग करने से आपके बालों का टेक्सचर बदल सकता है
घरेलू उपचार या उपाय
- kids hair style के लिए नीम के तेल से सिर पर नीम के तेल की मालिश करे। इससे न सिर्फ रूसी को कम किया जा सकता है, बल्कि बालों को चमकदार बनाया जा सकता है।
- नारियल तेल, बादाम का तेल, हर्बल तेल या तेलों के संयोजन जैसे प्राकृतिक तेलों का उपयोग करने से बालों की बनावट में सुधार करने में मदद मिल सकती है। और साथ ही मजबूती भी | तेल को पुरे स्कैल्प तथा बालों पर लगाये , एवं 30 से 60 मिनट के बाद शैम्पू और कंडीशनर से धो दे। यह सप्ताह में कई बार करे।
- जिंक व सेलेनियम की कमी बच्चों में बालों से जुड़ी समस्या का कारण हो सकते हैं। जिस वजह से बच्चों के आहार में जिंक युक्त खाद्य शामिल करना लाभकारी हो सकता है।इसके अलावा, सेलेनियम के सेवन से भी बच्चों में सफेद बालों की समस्या दूर की जा सकती है। ऐसे में छोटे बच्चों के बाल बढ़ाने के उपाय में सेलेनिमय और जिंक युक्त खाद्य सामग्री शामिल करे। इसके लिए सब्जियां, नट्स, मांस और मछली बच्चे के आहार में शामिल कर सकते हैं
- kids hair style और अधिक अच्छा करने के लिए समय-समय पर बच्चे के बालों को ट्रिम करना चाहिए। माना जाता है कि ट्रिम करने से दोमुहें बालों की समस्या दूर की जा सकती है। इसके अलावा, अगर बच्चे के बाल बहुत अधिक झड़ रहे हैं या वो बेजान हैं, तो बच्चे के बाल कटवा भी सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि बाल कटवाने से बालों की नई ग्रोथ अच्छी होती है। इससे बालों के विकास में मदद मिल सकती है।
Kids Hair Style से जुड़े रोचक तथ्य और जानकारी
बाल शरीर का वो हिस्सा होता है, जिसका हम एक शिशु की तरह ध्यान रखते हैं। kids hair style को लेकर लोगों के मन में बहुत सारी शंकाएं होती हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है।इस लेख में हम kids hair style से सम्बन्धी ऐसी ही जानकारी आपको देना चाहते हैं।
- Kid के सिर पर लगभग 50,000 से 75,000 बाल होते हैं।
- Kid hair बहुत जल्दी बढ़ जाते हैं।
- Kid hair 90% बाल किसी भी वक़्त बढ़ते ही रहते हैं, और 10% स्थित रहते हैं।
- हमारे केश कूप में कुछ पिगमेंट के कम होने के कारण, हमारे बाल सफेद होने लगते हैं।
- उत्पन होने के करीबन 13 दिन बाद ही हमें सफेद बाल नज़र आते हैं।
- हर रोज़ बाल कम से कम 3-4 मिलिमीटर बढ़ते हैं।
- जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे Kids Hair Style बाल बढ़ने में समय लेते हैं।
- काले बालों में ज़्यादा कार्बन पाया जाता है।
- सिर्फ एक छोटे से बाल की जाँच से, एक वैज्ञानिक बता सकता है कि kids क्या खाया, क्या पीया, या वातावरण कैसा है।
- हमारे बाल में कार्बन, ऑक्सिजन, नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के तत्व पाए जाते हैं।
- हाथों के पीछे, तलुवे और होंठ के अलावा, शरीर के हर अंग में बाल पाए जाते हैं।
- एक बाल का जीवन काल कम से कम 4-7 साल तक का होता है।
- चेहरे पर पाए गए बाल, किसी अन्य अंग से ज़्यादा जल्दी उगते हैं।
- बाल और नाखुन, मरने के बाद भी बढ़ते हैं।
- एक बाल की जाँच से, वैज्ञानिक यह नहीं बता सकता कि बाल लड़के का है या लड़की का।
- बाल झड़ने का चिकित्सक शब्द ऐलोपीशिया है।
- शरीर का करीबन 95% हिस्सा बालों से भरा हुआ है।
- बाल में आइरन और पोटैशियम भी पाए जाते हैं।
Conclusion:
इस ब्लॉग पोस्ट में मेने kids hair style के बारे में जानकारी दी है | जो की बालो की बनाबट और उनके प्रकार, बालों के प्रकार निर्धारण के कारक, घरेलू उपचार या उपाय, और Kids Hair Style से जुड़े रोचक तथ्य और जानकारी उम्मीद करते है आपकी इससे मदद होगी | अन्य जानकारी या सुझाव के लिए मैसेज या कमेंट करे धन्यवाद |
FAQ
Ques-1 छोटे बच्चों के अनचाहे बाल कैसे हटाए ?